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:ic-149:बीत गया जो साल, भूल जाए; बीत गया जो साल, भूल जाए; इस नए साल को गले लगाये! करते है दुआ हम रब से सर झुका के; इस साल के सारे सपने पूरे हो आपके! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

Bad Media In India 06/Jan/2012



   Bad Media In India 06/Jan/2012




पूरे देश में मीडिया प्रति गुस्से का माहौल है






मीडिया वाले शायद जान कर भी इस बात से अनजान बन रहे है की इस वक़्त पूरे देश में उनके प्रति गुस्से का माहौल है , क्यों की वो अब कभी भी आम आदमी के हित की कोई बात नहीं करते सिर्फ अपनी TRP बढाने और पैसा कामने में ही लगे रहते है , देश में क्या हो रहा है , आम आदमी पे क्या गुजर रही है, क्या हालात है गरीबो के , इन सब बातो से मीडिया को कोई मतलब नहीं रहता.
हाँ तेंदुलकर का शतक बना की नहीं , मल्लिका शेरावत ने बिकनी पहनी की नहीं , राहुल महाजन हनी मून मानाने कहा गए ? ऐश्वर्या राय को लड़का होगा या लड़की , उसका नाम क्या होगा ? ये सब न्यूज़ ही दीखता है हर न्यूज़ चैनल पे, जिसका आम इंसान की वास्तविकता से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं रहता है ये वही मीडिया है जो अंधविश्वास न करने की बात करता है और फिर अपने ही स्टूडियो में ढोंगी पाखंडियो को बुला कर तंत्र मंत्र करने की बात करता है, ये वही मीडिया है दुनिया के खतम होने की भविष्य वाणी की बात करता है और फिर बाद में पलट कर उस नकारता है, ये वही मीडिया है जो सचिन के शतक पर उसे दुनिया का महान बल्लेबाज़ बोलते है पर जब सचिन सस्ते में आउट हो जाता है तो उसे हीरो से जीरो बना देते है, ये वही मीडिया है जो मैच जीतने पर धोनी को दुनिया सर्वसेष्ट कप्तान कहते है और हारने पर उसको कप्तानी से निकाल देने की बात करते है , ये वही मीडिया है जो crime रिपोर्टर जे डे की हत्या होने पर रोज़ उसे न्यूज़ पे दिखाते थे लेकिन जैसे ही एक दूसरी रिपोर्टर जिगना वोरा का नाम जे डे murder केस में सामने आता है तो मीडिया वाले अपने बगले झाँकने लगे , ऐसे react करने लगे जैसे की वो दूध के धुले हो , जिगना वोरा को पाक साफ़ बताने लगे और अब देखो जे डे murder से जुडी कोई भी न्यूज़ अब टीवी पे नहीं दिखाई जाती है , जस्टिस काटजू और राम जेठ मालानी जी ने पहले ही मीडिया को उनकी औकात दिखा दी है , ऐसा लगता है की मीडिया को कोई बाहरी ताकत चला रही है , अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी को ये कहना पड़ा की नहीं मीडिया को कोई भी बाहरी ताकत नहीं चला रही है लेकिन सब जानते कई की सच्चाई कुछ और ही है और जैसा की सुनने में आ रहा है की सर्कार मीडिया को अपनी हदों में रखने के लिए एक सख्त कानून ला रही और ये जरुरी भी है क्योकि जिस दिन देश की जनता जनार्दन के गुस्से का ज्वाला मुखी फूटेगा उस दिन उसकी लावा में ये सारा मीडिया जल कर राख हो जायेगा.   


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