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बुधवार, 28 दिसंबर 2011

Mr. Manoj Kumar's Statement28-Dec-2011

आप लोगों से कई दिनों से मेरी बात नहीं हुई, और आपको यह भी एहसास होगा कि इस वक़्त हम कोई भी आधिकारिक बयान (official statement),नहीं दे रहे हैं.

मैं आपकी कंपनी के सिंगापुर कार्यालय से बोल रहा हूँ.

क्या आप जानते हैं हम क्यों यह बयान का जवाब नहीं दे रहे हैं? सिर्फ इसलिए कि हमारे बहुत सारे मामले अदालतों में लंबित हैं .... बयान देना जब यह मामला न्यायाधीन है, कानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप के बराबर है.

लेकिन पिछले २ -३ दिनों में, जो मैंने लेख पढ़े हैं Mumbai Mirror, Times of India और ब्लॉग साईट behind mlm पर ... .... इन लेखों ने कंपनी के खिलाफ झूठ के वाहियात इल्जामों की हद कर दी.
.... यही कारण है कि यह आवश्यक है और बहुत महत्वपूर्ण है मेरे लिए, कि मैं आपसे बात करूँ और आपके सामने सच रखूं . मैं, कंपनी के खिलाफ , मेरे खिलाफ और हम सभी के खिलाफ हर एक इलज़ाम का जवाब देना चाहता हूँ .

इस आलेख में पहला आरोप है कि कंपनी के साथ जुड़े सभी पैनलईस्ट अपराधी हैं, वे अपराधी हैं क्योंकि वे Speakasia का हिस्सा हैं. उनके मुताबिक, यह कानून के अनुसार है.

मैं पूछता हूँ पुलिस और विभिन्न सरकारी अधिकारियों से -क्या था उनका शुरूआत में नजरिया, वो किनकी सुरक्षा करना चाहते थे ? वे आपकी रक्षा करना चाहते थे , अब वे आपही को दोषी कह रहे हैं. .... क्यों?

क्योंकि अधिकारियों को दिलचस्पी नहीं हैं ये देखने के लिए कि आपके पैसे आपके पास सुरक्षित पहुंचे , या आप कारोबार जारी रखें.

उनकी केवल एक ही रूचि है और वो है कि किसी भी कीमत पर कंपनी को बंद करें

वे आपको इतना परेशान करना चाहते है कि आप काम करने से मना कर दें

वे ऐसा क्यों कर रहे हैं ? मैंने इस पर बहुत सोच विचार करने की कोशिश की, हम आने वाले समय में देख सकेंगे , इसके पीछे कौन लोग हैं, और वे क्यों ऐसा कर रहे हैं

चलिए पहले इन लेखों में उठाये गए मुद्दों को देखते हैं.

पहले उन्होंने कहा कि १०० करोड़ रुपए सिंगापुर बैंक में भेजे गए है और वहाँ से पैसे मेरे द्वारा आगे लैटिन अमेरिका और ब्राजील भेजे गए.

मैं उन्हें सूचित करना चाहता हूँ कि मेरा कोई निजी खाता नहीं है, या उन कंपनियों का , जिसका मैं एक हिस्सा हूँ , सिंगापुर में कोई भी बैंक खाता है. तो सिंगापुर में पैसे लाने के लिए या इसे आगे कहीं भी भेजने के लिए संभव नहीं है और इसका कोई सवाल ही नहीं उठता.

दूसरी बात उन्होंने कही कि Speakasia के वरिष्ठ अधिकारीयों के पास, मुंबई में और आसपास १०० करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की सम्पति है, लेकिन वे ऐसी संपत्तियों के बारे में कोई भी जानकारी देने से दूर भागते हैं . मैं उन्हें पूछना चाहता हूँ, कि क्यों वे इसे गुप्त रखना चाहते हैं?

यदि उनको संपत्ति के बारे में पता है तो हमारे साथ जानकारी बाँटें. झूठे इलज़ाम लगाने से किसी को भी मदद नहीं मिलती है.

मैं एक MHADA के फ्लैट में रहता हूँ,जो मैंने HDFC से ऋण लेकर ख़रीदा हैं. अब ऋण चुकाया गया है.

अब वे एक मर्सिडीज कार की बात करते हैं जो मेरी बतायी जा रही है , मैं उन को बताना चाहता हूँ कि, कोई मर्सिडीज कार मेरे नाम में पंजीकृत (registered ) नहीं है

PE (Permanent Establishment )होने के दौरान , गणमान्य व्यक्तियों, सलाहकार, और विक्रेताओं के परिवहन के लिए कंपनी ने एक मर्सिडीज कार खरीदी. मैंने कभी इस मर्सिडीज का इस्तेमाल नहीं किया.

सभी जानते हैं कि, मेरे पास एक २००२ मॉडल बैलेनो है जिसे मैं खुद चलाता हूँ , मेरे पास ड्राइवर नहीं है,. लेकिन उनको "मर्सिडीज बेंज जब्त" जैसे बयान जारी करना अच्छा लगता है.

वे किसी अन्य कंपनी, ब्राजील में Colibri नाम से, की बात करते हैं, और एक और कंपनी Admatrix के नाम से जो माना जाता है कि भारत में कार्य कर रही थी . वे कहते हैं कि मैंने Colibri में निवेश किया है, अगर उन्होंने इतनी मेहनत की है, वे क्यों नहीं ब्राजील के ROC के पास जाते ,जिसे इंटरनेट पर भी किया जा सकता है और वे आसानी से देख सकते हैं ,कौन कंपनी के प्रमोटर हैं . मैं निश्चित रूप से प्रमोटर नहीं हूँ.

वे ब्राजील से स्थानीय लोग हैं, मैंने कंपनी में कोई निवेश नहीं किया है, एक नया पैसा भी नहीं.

Mr. Manoj Kumar's Statement 
 हाँ, Colibri के प्रमोटर हमारे पास आये थे सॉफ्टवेयर बनाने के लिए क्योंकि मेरी कंपनी Tulsiyant जहाँ मैं Director हूँ , Direct Marketing कंपनियों के लिए पिछले 15 वर्षों से सॉफ्टवेयर बना रही है ,दुनिया भर में विभिन्न direct marketing companies के लिए .

सभी जानते है कि भारत में सबसे अच्छी नेटवर्किंग कंपनियों ने हमारे द्वारा सॉफ्टवेयर विकसित करवाया है . सिंगापुर, मलेशिया, ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, इटली, अम्रीका , दुनिया भर से कंपनियों ने हमारे द्वारा सॉफ्टवेयर .बनवाया है.

तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि श्री Colibri ने भी , उनके सॉफ्टवेयर के विकास के लिए हमसे संपर्क किया. जब तक वे कहना शुरू नहीं करते , कि हम मालिक हैं,उन सभी कंपनियां का ,जिनके लिए हमने सॉफ्टवेयर विकसित किया है,

ध्यान दें ,महत्वपूर्ण है कि जब यह कंपनी ने हमसे संपर्क किया, हम पहले से ही Speakasia के साथ काम कर रहे थे. इस से हितों का संघर्ष (conflict of interest ) होता और यही वजह है कि हम इस पर काम नहीं कर सके.

उनकी आवश्यकता को सुनने के बाद,हमें एहसास हुआ , कि Speakasia मॉडल बेहद सफल हुआ था, और जिस तरह से Speakasia का काम समझे बिना वे हमसे वैसा ही "हमारे लिए भी" मॉडल बनवाना चाहते थे,जिसे हमने इनकार कर दिया था क्योंकि इससे हितों का संघर्ष (conflict of interest ) होना था. यही सब कुछ है, श्री Colibri के साथ हमारे संबंध के बारे में.

एक और बात इस लेख में लिखी गयी है कि, मैं Colibri में एक निवेशक हूँ और उन के अनुसार इसका उल्लेख मेरी तस्वीर के साथ श्री Colibri की साइट पर किया गया था .. मैंने खुद इस साईट की जांच की है ,इस तरह का कुछ भी नहीं दिखाई देता है या न कभी इस साइट पर दिखाई दिया है. मैंने जाना, कि एक अन्य कोई ब्लॉगसाईट है जिसपर यह लेख मेरी तस्वीर के साथ प्रकाशित हुआ था.

मैं जांच कर रहा हूँ किसने इसे बनाया है और किसने वह ब्लॉग लिखा है.

मुझे आपको समझाने दीजिये कि यह Direct मार्केटिंग उद्योग एक बहुत छोटा उद्योग है, सब लोग इस उद्योग में हर किसीको जानता है. Colibri चला रहे लोग भी, मुझे सभी ऐसी १०० -१५० कंपनियों की तरह जानते है. मैं ऐसे सभी कंपनियों के directors /promoters को सिर्फ इसीलिए जानता हूँ ,कि मैं इस कारोबार में पिछले 15 वर्षों से हूँ.

एक और बात यह है कि इस लेख में लिखा है कि हमारे लोग बस गायब हो गए और भाग गए , इस से अधिक बेवकूफ आरोप नहीं हो सकता है.

११ मई, २०११ को एक ख़ास समाचार चैनल ने एक झूठी खबर बतायी, और इसके बाद कुछ और समाचार चैनलों ने कहानी.दोहरायी.

उस दिन से २९ जुलाई तक,हम सब एक साथ लढ़ रहे हैं इसे गलत साबित करने के लिए . हमने सभी सरकारी agencies से संपर्क किया है. EOW सहित कि कृपया हमें हमारे व्यापार मॉडल को समझाने का अवसर दे . हमने RBI से भी संपर्क किया. उन्होंने हमें नहीं सुना.

हम सभी भाग सकते थे,आप हमें छोड़ सकते थे , हमारे कर्मचारी छोड़ सकते थे ,प्रबंधक छोड़ सकते थे , मैं छोड़ सकता था, इस तरह का कुछ नहीं हुआ और हमने पसंद किया डटकर खड़े रहना , और आपके और हमारे अधिकारों के लिए लड़ना.हम जीतने और फिर से काम शुरू करना चाहते हैं.

क्या आप जानते है कि जब मैं कुछ व्यापार के काम के लिए दुबई में था,उस समय ये सभी गिरफ्तारी हुई थी. मेरी पत्नी और मेरा बेटा कुछ दिनों के लिए मेरे साथ थे. मैंने मेरे परिवार को इन गिरफ्तारियों के बाद वापस भारत भेजा.. क्यों? क्या मैं भागना चाहता था? यह बात और है कि EOW ने पूरी रात के लिए मेरे परिवार को हिरासत में लिया और उन्हें बहुत परेशान किया .

मैं आप सभी को याद दिलाना चाहता हूँ कि जब TBM Meet (Torch Bearers Meet )आयोजित किया गया, क्या आप सभी ने इस TBM Meet के लिए बनायीं गयी फिल्म देखी थी?

उस समय कई लोगों ने हमें बताया कि, Speakasia की भारी सफलता को देखकर कुछ लोगों की कोशिश होगी कंपनी को हड़पने (takeover) की , और एक छोटी सी फिल्म इस के लिए बनायी गयी थी.

मैं इस बयान के बाद उस फिल्म को अपलोड करने की कोशिश करूंगा ताकि आप एक बार फिर से फिल्म देख सकें. यह फिल्म २-३ महीने पुरानी है , और हमारे व्यापार को विस्तार से समझाती हैं और यह भी दिखाती है कि क्यों हम पर हमला किया जा सकता है और शायद इसीलिए ही हम पर हमला हुआ है . इस फिल्मसे यह हम सभी को जवाब मिलेगा कि क्यों ये सब लोग हमें परेशान कर रहे हैं.

लेकिन ये फिल्म हमें ये भी बताती है कि हम जीत सकते हैं जब हम एकजुट हैं और जीत निश्चित रूप से हमारी होगी.

जब जीत हमारी होगी हम एक बार फिर कंधे से कंधे मिलाकर एकजुट खड़े रहेंगे और Speakasia को पूर्वनिर्धारित ऊंचाइयों तक ले जायेंगे.

एक फिल्म "मैं आजाद हूं" Meet से पहले दिखाई गयी थी.. ...मुझे एक गाने की कुछ पंक्तियां याद है जो बार - बार Meet के दौरान बज था और पंक्तियाँ है, " कितने बाजू , कितने सर ,गिन ले दुश्मन ध्यान से, हारेगा वो हर बाज़ी, जब खेलें हम जी जान से, आओ .. आ जाओ, जग पे छा जाओ, खेलो तुम जी जान से ".
 
 
 

Speak Asia CEO's message on Youtube 28-Dec-2011



Company CEO Manoj Kumar Ji addressed us from Singapore Office

Speak Asia CEO's message on Youtube

Statement from Mr. Manoj Kumar.

 

 Statement from Mr. Manoj Kumar. CEO – India, SpeakAsia Online Pte Ltd. on December 28th, 2011. from Singapore Office

 Dear PaisaWorld viewers,

Please go through the important message from the CEO of the Speak Asia Mr. Manoj Kumar on following linkhttp://www.youtube.co/playlist?list=PL0C8BD13C1F7740F8


This was much needed message from any official of the SAOL because the media, particularly Times Of India has gone crazy and out of control and acting as mouth piece of the competitors of SAOL, publishing crap against Speak Asia family.

This video message is in Hindi. This message has also been translated and published on the the Speak Asia panelists
Lets stay united and take this battle to its conclusive end which is very near. http://www.paisaworld24.blogspot.com

Proud to be Speak Asian ! ! !