नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने लाखों लोगों को चूना लगा चुकी मल्टी मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया के खिलाफ शिकंजा और कस दिया है। कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। अब विभाग स्पीक एशिया के करोड़ों की अवैघ लेनदेन की जानकारियां खंगालने में जुट गई है। गौरतलब है कि धोखधड़ी के मामले में पहले ही कंपनी के 4 लोग गिरफ्तार किया जा चुका है।
ईडी ने 900 करोड़ के घोटाले को परत दर परत जांचने के लिए मामला दर्ज कर लिया है। ईडी के सूत्रों की मानें तो मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया ने 900 करोड़ में से 100 करोड़ से ज्यादा की रकम सिंगापुर के रास्ते लैटिन अमेरिका और ब्राजील की कई कंपनियों में इनवेस्ट कर दी है।
कानूनी शिकंजे से बचने के लिए कंपनी अलग अलग बिजनेस में निवेश कर ब्लैक मनी को व्हाइट करने में जुटी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक स्पीक एशिया इन कंपनियों से हो रहे मुनाफे को ब्राजील की एक मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी में निवेश कर रही है। दूसरी तरफ स्पीक एशिया के सीईओ मनोज कुमार का कहना है कि ईडी को उन्होंने अपना प्लान बताया और इन्वेस्टमेंट रुट के बारे में भी जानकारी दी लेकिन ईडी आम लोगों का पैसा लोगों तक पहुचने नहीं देना चाहती है। कंपनी पैसे कहीं नहीं लगा रही है। किसी कम्पनी में नहीं लगा रही है। गौरतलब है कि फर्जीवाड़े और घोटाले को लेकर अब तक कंपनी के पांच लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं लेकिन स्पीक एशिया इंडिया के सीओओ तारक वाजपेयी पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो चुका है। मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच समेत कई एजेंसियां अब इस बात का पता करने में लगी हैं कि आखिर किस तरह से स्पीक एशिया ने देश के लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी की। करोड़ों अरबों रुपयों की हेराफेरी करने में कामयाब रहा।
PW-Team
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