दो सप्ताह की अवधि के भीतर RBI "हलफनामे का जवाब " दर्ज करेगी.
PW-Team १६ जनवरी २०१२, के सुप्रीम कोर्ट घटनाओं के बारे में कुछ उलझने उत्पन्न हुई है .
अदालत में दायर जवाब को "हलफनामे का जवाब " कहा जाता है.
सरल शब्दों में स्पष्ट करना,RBI समय चाहती थी अपना "हलफनामे का जवाब " दर्ज करने के लिए और अदालत ने आदेश पारित किया :-
"वकील की सुनवाई पर कोर्टने निम्नलिखित आदेश बनाया
दो सप्ताह की अवधि के भीतर RBI "हलफनामे का जवाब " दर्ज करेगी.
सूची उसके बाद ".
कुछ लोग उलझन में पड़े, कि क्या था यह हलफनामा जिसे अदालतने RBI से दर्जकरने के लिए कहा था. मुझे यकीन है कि ऊपर दिए गए स्पष्टीकरण से मुद्दास्पष्ट हुआ है कि RBI को सभी उत्तरदाताओं की तरह "हलफनामे का जवाब " दर्जकरने के लिए कहा गया था.
मेरे पिछले अद्यतन में मैंने गलती से उल्लेख किया था कि उपरोक्त आदेश भारत राज्य (वित्त सचिव के माध्यम से) के वकील के अनुरोध पर बनाया गया था. हालांकि भारत राज्य अदालत में मौजूद था, लेकिन RBI के अनुरोध पर आदेश पारित किया गया था. मैं गलती के लिए माफी चाहता हूँ
मैंने विश्वसनीय तरीके से जाना है कि, Phoenix Legal ने पुलिस आयुक्त मेंएक शिकायत दर्ज कराई है,उन लोगों के खिलाफ जो वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, इस शिकायत में, Phoenix Legal ने स्पष्ट कहा है कि, अगस्त २०११ से., वेबसाइट SAOL के "नियंत्रण" में नहीं है
कुछ पनेलिस्ट जो गिरफ्तार कर लिए जाने के बारे में चिंतित थे, मुंबई उच्च न्यायालय में AISPA Writ में एक "हस्तक्षेप आवेदन" दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं.
इस हस्तक्षेप के आवेदन में मुख्य प्रार्थना है कि सभी हस्तक्षेप कर्ताओं को वैसी ही सुरक्षा प्रदान कि जानी चाहिए, जिस तरह की सुरक्षा मुझे प्रधान की गयी है,क्योंकि वे भी इसी तरह की स्तिथि और स्तर पर है
मैंने मेरे पिछले अद्यतनो में हमेशा समझाने की कोशिश की है, कि जब मामलान्यायाधीन है, कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती है. लेकिन अंतिम विश्लेषण में याद रहे , यह हमेशा "सत्यमेव जयते" ही होगा
अक्सर यह कहा जाता है कि धैर्य ज्ञान का साथी है. इस अंतिम पड़ाव पर, जब जीत हमारी नज़रों में है, हमें बुद्धिमानी से धैर्य दिखाने की आवश्यकता है. घटनाओं पर विश्वास रखिये, समझिये, कि भले ही प्रक्रिया धीमी गति से हो रही है, लेकिन निश्चित रूप से हमारे पक्ष में हो रही है.
अनुचित और अप्रमाणिक अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. ये एक सार्वजनिक लड़ाई में सामान्य परेशानी हैं और पहली बार तो नहीं हो रही हैं.
अब तक यह यात्रा अपने उतार चढाव के साथ काफी लंबी चली है. निराशा और खुशी के क्षण हमारे हिस्से आये है. हम एक दूसरे का हाथ थामे अब तक खड़े है और हम अंत तक टिके रहेंगे.
"एक मैराथन (बहुत लम्बी दौड़) जीवन की तरह है उसके उतार चढ़ाव के साथ, लेकिन एक बार आप इसे करते हैं तो आपको लगता है कि आप कुछ भी कर सकते हैं" ... अज्ञात
हम आगे बढ़ते रहेंगे और लगातार कड़ी कोशिश करेंगे, सभी Speakasians के अधिकारों की रक्षा का, हमारा उद्देश्य प्राप्त करने के लिए
PW-Team
PW-Team १६ जनवरी २०१२, के सुप्रीम कोर्ट घटनाओं के बारे में कुछ उलझने उत्पन्न हुई है .
अदालत में दायर जवाब को "हलफनामे का जवाब " कहा जाता है.
सरल शब्दों में स्पष्ट करना,RBI समय चाहती थी अपना "हलफनामे का जवाब " दर्ज करने के लिए और अदालत ने आदेश पारित किया :-
"वकील की सुनवाई पर कोर्टने निम्नलिखित आदेश बनाया
दो सप्ताह की अवधि के भीतर RBI "हलफनामे का जवाब " दर्ज करेगी.
सूची उसके बाद ".
कुछ लोग उलझन में पड़े, कि क्या था यह हलफनामा जिसे अदालतने RBI से दर्जकरने के लिए कहा था. मुझे यकीन है कि ऊपर दिए गए स्पष्टीकरण से मुद्दास्पष्ट हुआ है कि RBI को सभी उत्तरदाताओं की तरह "हलफनामे का जवाब " दर्जकरने के लिए कहा गया था.
मेरे पिछले अद्यतन में मैंने गलती से उल्लेख किया था कि उपरोक्त आदेश भारत राज्य (वित्त सचिव के माध्यम से) के वकील के अनुरोध पर बनाया गया था. हालांकि भारत राज्य अदालत में मौजूद था, लेकिन RBI के अनुरोध पर आदेश पारित किया गया था. मैं गलती के लिए माफी चाहता हूँ
मैंने विश्वसनीय तरीके से जाना है कि, Phoenix Legal ने पुलिस आयुक्त मेंएक शिकायत दर्ज कराई है,उन लोगों के खिलाफ जो वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, इस शिकायत में, Phoenix Legal ने स्पष्ट कहा है कि, अगस्त २०११ से., वेबसाइट SAOL के "नियंत्रण" में नहीं है
कुछ पनेलिस्ट जो गिरफ्तार कर लिए जाने के बारे में चिंतित थे, मुंबई उच्च न्यायालय में AISPA Writ में एक "हस्तक्षेप आवेदन" दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं.
इस हस्तक्षेप के आवेदन में मुख्य प्रार्थना है कि सभी हस्तक्षेप कर्ताओं को वैसी ही सुरक्षा प्रदान कि जानी चाहिए, जिस तरह की सुरक्षा मुझे प्रधान की गयी है,क्योंकि वे भी इसी तरह की स्तिथि और स्तर पर है
मैंने मेरे पिछले अद्यतनो में हमेशा समझाने की कोशिश की है, कि जब मामलान्यायाधीन है, कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती है. लेकिन अंतिम विश्लेषण में याद रहे , यह हमेशा "सत्यमेव जयते" ही होगा
अक्सर यह कहा जाता है कि धैर्य ज्ञान का साथी है. इस अंतिम पड़ाव पर, जब जीत हमारी नज़रों में है, हमें बुद्धिमानी से धैर्य दिखाने की आवश्यकता है. घटनाओं पर विश्वास रखिये, समझिये, कि भले ही प्रक्रिया धीमी गति से हो रही है, लेकिन निश्चित रूप से हमारे पक्ष में हो रही है.
अनुचित और अप्रमाणिक अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. ये एक सार्वजनिक लड़ाई में सामान्य परेशानी हैं और पहली बार तो नहीं हो रही हैं.
अब तक यह यात्रा अपने उतार चढाव के साथ काफी लंबी चली है. निराशा और खुशी के क्षण हमारे हिस्से आये है. हम एक दूसरे का हाथ थामे अब तक खड़े है और हम अंत तक टिके रहेंगे.
"एक मैराथन (बहुत लम्बी दौड़) जीवन की तरह है उसके उतार चढ़ाव के साथ, लेकिन एक बार आप इसे करते हैं तो आपको लगता है कि आप कुछ भी कर सकते हैं" ... अज्ञात
हम आगे बढ़ते रहेंगे और लगातार कड़ी कोशिश करेंगे, सभी Speakasians के अधिकारों की रक्षा का, हमारा उद्देश्य प्राप्त करने के लिए
PW-Team